Thursday, June 18, 2020

जानिए Television Channel पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मॉडल के बारे में!

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आज हम जान लेते है की  Television Channel पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मोडल के बारे में! तो टी० वी० चैनल और सीरियल पैसे कैसे कमाते है । तो सबसे पहले हम जान लेते है की टी० वी० चैनल की revaluation की बारे में तो सबसे पहले आया था ब्रॉड कास्टिंग नेटवर्क जिसमे basically एक एंटीना को set up करके टी० वी० चैनल देख पाते थे  जैसे की DD-1 ओर DD News extra, फिर आया था cable टी० वी० जिसमें cable के throw नेटवर्क को घर घर पहुचाए जाता था जिसके throw हमें अलग - अलग तरह के चैनल देखने को मिलते थे लेकिन cable से limited चैनल देखने को मिलती थी | और cable को घर - घर पहुँचाने में भी बहुत से दिक्कत होती थी! फिर आया set lite जिसमे हमे टी० वी० को देखने के लिये सेट बॉक्स और एक रिसीवर डिस्क की जरूरत होती है जो सिग्नल receive करता है जो ऊपर आसमान में set lite से ओर उस सेटलाइट तक सिग्नल पहुचाए जाते है ! जो जमीन पर ब्रॉड कास्टिंग station वहाँ से और इसके बाद भी revolution आ रहा है लेकिन पहले हम जान लेते है की टी० वी० serial ओर टी० वी० चैनल पैसे कैसे कमाते है ? जब कोई टी० वी० serial या टी० वी० show बनता है तो जो भी उसके expensive होते है जैसे studio, shooting expensive और actors की payment etc. वो सब प्रोडक्शन हाउस pay करता है तो टी० वी० serial के प्रोड्यूसर को चैनल पर अपने सीरियल को दिखाने के लिए पैसे pay करने पड़ते है तो सीरियल को टी० वी० चैनल पर दिखाने के लिए लेकिन कितने पैसे यह कैसे decide होता है ।
तो टी० वी० चैनल ओर टी० वी० सीरियल का सबसे बड़ा जो revenue resource होता है वो होता है ! advertisements आप सब को भी पता होगा की अगर कोई serial या program टी० वी० पर आधे घंटे के लिए भी चलता है तो उसमे over all करीब 10 से 12 minutes का तो break होता है जिसमे हमें अलग - अलग तरह की products की advertisements देखने को मिलती है तो इसके लिये यह companies जो है वो अपने products की advertisements दिखाने के लिये इन टी० वी० चैनलो पर अपने add चलाते है लेकिन इसमे adds का time और adds को टी० वी० चैनल पर चलाने के लिए इसकी timing बहुत ज्याद matter करती है पहले हम add के टाइम की बात करते है तो कम्पनी कोई भी advertisements बनाती है तो उसे कई parts में बनाती है
for example जैसे की
45 सेकण्ड्स
30 सेकण्ड्स
15 सेकण्ड्स
10 सेकण्ड्स
क्योंकि यह अलग अलग प्लेटफॉर्म चैनल्स और शो के according use की जाती है और इसके एक - एक सेकण्ड्स के बहुत high rate होते है ! आप ने भी देखा होगा की कई बार टी० वी० पर कोई add 30 सेकण्ड्स की आती है फिर कुछ दिनों बाद उस ऐड को छोटा करके 10 सेकण्ड्स के कर दिया जाता है ! क्योंकि यह कंपनीज़ की statistics होती है की पहले ऐड को consumer को starting में full add दिखाए जाए फिर कुछ दिनों बाद ऐड को छोटा करके दिखाए जाए ताकि viewers को उनके प्रोडक्ट्स याद रहे और उनकी cost भी ज्याद ना लगे और यह adds के पैसे भी ultimate consumer ही pay करता है क्योंकि इसे प्रोडक्ट्स के cost में जोड़ा दिया जाता है ! आपने जैसे की सुना होगा कि कोका कोला की बोतल 60 पैसे में बनकर तैयार हो जाती है ! ओर इन advertisements और promotion की वजह से consumer तक पहुंचते-पहुंचते यह ₹12 की हो जाती है। तो adds का जो Rate होता है ! वह depend करता है कि वह चैनल या वह टीवी सीरियल कितना पॉपुलर है और कितना देखा जा रहा है तो main question यह आता है कि यह कैसे पता चलता है कि कौन सा चैनल या फिर कौन सा टीवी शो ज्यादा देखा जा रहा है तो इसके लिए एक tool का use किया जाता है ! जिसे कहते हैं TRP यानी कि  Television Rating Point इसमें क्या होता है अलग अलग areas से Sample के लिए हजारों की तादात में कुछ घरों को choose किया जाता है और उनकी टीवी set के साथ एक डिवाइस attached कर दिया जाता है जिसे हम कहते हैं people meter अब यह डिवाइस क्या काम करता है उन particular house की किस टाइम में कौन सा प्रोग्राम देखा जा रहा है ! उसको day to day basis में record करता रहता है और TRP निकालने के लिए 30 दिनों का average लिया जाता है और इससे यह हम पता लगाते हैं! कौन से चैनल का कौन सा प्रोग्राम कितने ज्यादा लोगों ने देखा उसके हिसाब से हम को एक Measurement आ जाता है उसी तरह जिस तरह किसी वेबसाइट पर कितने लोग ऑनलाइन है हम पता कर सकते हैं ओर इंडिया में यह काम करती है INTAM यानी कि (Indian National Television Audience Measurement) या फिर BRAC (Broadcast Audience Research Council)
https://www.barcindia.co.in
https://www.themediaant.com
तो इसी के पास authority है जो पूरे डाटा हर हफ्ते TRP calculate की जाती है जिस के base पर ऐड agencies decision ले पाती है तो चलिए इस प्रोसेसर को एक example के throw समझते है | suppose एक टी वी सीरियल है जो रात के 08:00pm बाजे शूरु होता है ओर रात के  08:30 pm बाजे खत्म होता है तो यह 30 मिनट के सीरियल में मान लेते है और उसमें total 10 मिनट के advertisements होती है और इस सीरियल के TRP के हिसाब से इसके advertisements के 1 minute के है 1 लाख रूपए तो 10 minutes के हिसाब से हो जएगा 10 लाख रूपए अब इस 10 लाख  रुपए में से agreement के according चैनल के पास चल जाएगा 5 लाख रुपए और प्रोड्यूसर के पास चल जाएगा 5 लाख रुपए अब इसमें से मान लेते हैं ! प्रोड्यूसर ने सारे actors को दे दिए 2 लाख रूपए और बाकी expensive जैसे लाइटिंग स्टूडियो क्रू मेंबर्स उनको दे दिए 1 लाख रुपये तो प्रोड्यूसर का profit हो जाएगा एक एपिसोड का 1-2  लाख रुपए यानी की 1-2 लाख रुपए  इसी तरह  चैनल और प्रोड्यूसर के बीच advertisements revenue का distribute होता है चैनल के कई और भी छोटे लेवल के revenue sources होते हैं जैसे इंटरनेट यह same videos को इंटरनेट और यूट्यूब पर डाल देते हैं उससे भी इनको अच्छा खासा profit हो जाता है और sponsorship's कई बार मूवीस को या प्रोडक्ट को show के अंदर promote करते हैं इससे भी और अगर चैनल की TRP High है तो इससे भी decent money कमा लेते है ! जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है इसका टेलीविजन पर बहुत बड़ा इंपैक्ट हो रहा है जैसे कि पहले क्या होता था घर में एक टीवी पे सारे फैमिली मेंबर्स मिलकर एक साथ मिलके अपना favorite टी वी show  देखा करते थे पर आजकल वही फैमिली मेंबर्स अलग अलग माध्यम से कोई अपने फोन पे, कोई अपने लेपटॉप पे और कोई अपने टेबलेट पे वो ही टी वी show को इंटरनेट के throw देखते है तो आपको क्या लगता है टेलीविजन का future क्या होने वाला हमे comment box मे comment करके बताए ! तो अब आप जान चुके होंगे की T.V Channel के बिज़नेस मॉडल के बारे मे और किस तरह T.V Channel पैसा कमाती है । तो दोस्तों अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी है तो मेरे पोस्ट को शेयर, कमेंट और लाइक करना ना भूले |
धनयवाद !!!!

3 comments:

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