Monday, February 22, 2021

What is paytm?

Paytm is a mobile e-commerce company. Which has earned its name in a very short time and this company launched its service in August 2010. And its CEO is Vijey Shekhar Sharma. The paytm of an online payment is an easy way of method and payment! From which we can do online mobile recharge, DTH, Electricity bill, Movie ticket, Train ticket, Air ticket etc. But do you know that paytm had just made a simple tariff for paying mobile recharge and utility bills but at today's date paytm is providing full market place to its customer as well as paytm works like a virtual wallet. By which you can store the amount of money online. You can use it as a debit card and a credit card, but for this, you can get involved in debit card, credit card or net banking to transfer money to paytm wallet And so far as well as the RBI has fixed the monthly limit and one month only one paytm user can not keep or spend more than 20000 rupees in his wallet. But if a paytm user wants to upgrade his paytm wallet to Rs. 100000 then he can use it by updating his KYC. If friends like this post, then share this post.


Tuesday, February 9, 2021

जानिए सेविंग एकाउंट और करंट एकाउंट के बीच डिफरेंस क्या है? और उनके benefits के बारे में !

 

दोस्तों जब हम एटीएम से पैसे निकालते हैं तो हमारे से वहां पर यह Question जरूर पूछा जाता हे कि सेविंग एकाउंट या करंट एकाउंट ! तो हमें यह तो पता रहता है कि मुझे सेविंग एकाउंट पर क्लिक करना है लेकिन मैं कई बार यह सोचता था कि यह करंट एकाउंट होता क्या है और सेविंग एकाउंट और करंट एकाउंट के बीच डिफरेंस क्या है?   
तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इन दोनों के बीच difference जानेंगे और साथ ही उनके benefits के बारे में ।
तो सबसे पहले हम इनके बेसिक के बारे मे जान लेते हैं ।                        
सेविंग एकाउंट आप सब को पता ही होगा की यह आप की सेविंग को एक safe place पे deposit करने मे मदद करता है और एक सेविंग एकाउंट पर हमें करीब 4 से 6%  प्रतिशत ब्याज भी मिलता है हम सेविंग एकाउंट को individual या jointly भी ओपन करा सकते है और ज्यादातर बैंकों में सेविंग एकाउंट को ओपन रखने के लिए minimum balance रखना अनिवार्य होता है। सेविंग एकाउंट कई प्रकार के होते हैं जैसे कि Regular Saving Account, Salary Savings Account, Zero balance Saving Account और Minor Senior Citizen and Women के लिए Specific Saving Account भी होते है ।                
वही करंट एकाउंट की बात करें तो करंट एकाउंट Regular transaction के लिए suit करता है। यह उन लोगों के लिए होता है जो business और Day to Day transaction मे involve होते है। करंट एकाउंट मुख्य तौर पर बिजनेस आर्गेनाइजेशन द्वारा ओपन किए जाते हैं। जिसे Firms, LLPs, Companies, Sole Proprietorship आदि होते हैं। करंट एकाउंट में Deposits और Withdrawal कि कोई लिमिट नहीं होती है और क्योंकि यह अपने यूजर्स को इतनी liquidity देता है इसलिए करंट एकाउंट में हमें कोई interest नहीं मिलता है।
अब हम सेविंग एकाउंट और करंट एकाउंट के बीच difference को समझते हैं।
सेविंग एकाउंट लोगों को पैसे Save करने के लिए प्रोत्साहित(encourage) करता है।
वही करंट एकाउंट बिजनेस ट्रांजेक्शन को smooth करने के लिए काम आता है।
सेविंग एकाउंट Regular income earner के लिए suitable होता है। जैसे salary, individual 
वही करंट एकाउंट को बिजनेस इकाई के फाइनेंसियल  ट्रांजेक्शन के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
अगर आप सेविंग एकाउंट ओपन करते हो तो आपका बैंक आपको एक महीने में लिमिटेड ट्रांजेक्शन ही allow करेगा।
वही करंट एकाउंट में ट्रांजेक्शन की ऐसी कोई लिमिट नहीं होती हैं! करंट एकाउंट यूजर्स को frequent ट्रांजेक्शन करने मे मदद करता है।
सेविंग एकाउंट में आपको 4 से 6% प्रतिशत का ब्याज मिल जाता है। 
वही करंट एकाउंट के धारक को अपने Deposit पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
कई सारे बैंक में सेविंग एकाउंट धारक अगर अपना मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो उन पर पेनल्टी लगाई जाती है। 
यही मिनिमम बैलेंस का कॉन्सेप्ट भी करंट एकाउंट मे भी होता है लेकिन करंट एकाउंट में इसकी requirement high होती है।
सेविंग एकाउंट के धारक उतना ही पैसा withdraw कर सकते हैं जितना उनके अकाउंट मे available है
लेकिन करंट एकाउंट में over withdrawing की facility मिलती है जब खाता धारक उस पैसे को वापस बैंक में deposit करता है तो इस तरह के deposit को interest के साथ adjust कर दिया जाता है ! करंट एकाउंट की यह facility खाता धारक को उनके fund efficient को manage करने में मदद करती हे।
अब हम बात करते हैं सेविंग एकाउंट और करंट एकाउंट के benefits के बारे में।
तो सबसे पहले हम बात कर लेते हैं सेविंग एकाउंट के benefits के बारे में
1. ज्यादातर बैंक में आपको locker fee पे 15 से 30% प्रतिशत डिस्काउंट मिल जाता है अगर आप अपने एकाउंट में consistent मिनिमम बैलेंस मेंटेन करते हो।
2. बहुत सारे बैंक है जो सेविंग एकाउंट के साथ लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस ऑफर करते हैं।
3. सामान्य तौर पर बैंक में 3.5 से 4% प्रतिशत interest आपके deposit पर देता है लेकिन कुछ बैंक 6 से 7% प्रतिशत interest ऑफर करती हे अगर आप उसके मिनिमम बैलेंस को मेंटेन करते हो।
4. सेविंग एकाउंट में आपको डेबिट कार्ड मिलता है लेकिन क्या आपको पता है आप अपनी डेबिट कार्ड को इंटरनेशनल डेबिट कार्ड पर convert कर सकते हो! अगर आप ओवरसीज ट्रांजेक्शन करते हो।
5. आपको पता है की भारत में गोल्ड वन ऑफ द मोस्ट फेवरेट फिजिकल assist है तो गोल्ड का price हमेशा high रहता है तो अगर आप large बैलेंस के साथ एक सेविंग एकाउंट खाता धारक है तो 2 से 5% प्रतिशत गोल्ड purchase पे डिस्काउंट मिल जाता है।
6. आप अपनी सेविंग एकाउंट बैलेंस को अपनी credit card bills और other utility bills को pay करने के लिए use कर सकते हो और यह सब आप ऑनलाइन इंटरनेट बैंकिंग facility के माध्यम से कहीं से भी pay कर सकते हो।
7. अगर आप financial market में trade या invest करना चाहते है तो आपका बैंक मे सेविंग एकाउंट होना जरूरी है आपके बैंक एकाउंट को Trading या DEMAT एकाउंट के साथ लिंक किया जाता है ताकि आप सिक्योरिटी मार्केट में  ट्रांजेक्शन कर सके।
तो अब हम बात कर लेते हैं करंट एकाउंट के benefits के बारे में पहले ही हम बात कर चुके deposit और withdrawal की number of transaction में कोई लिमिट नहीं होती है और इसमें आपको overall withdraw की facility मिलती है इनके अलावा करंट एकाउंट के क्या benefits होते हैं इसके बारे में बात करते है।
1. बैंक एकाउंट में पैसा डिपाजिट करना और लेनदारों(creditors) को payments करना डिमांड दार facility से आसान हो जाता है इसके साथ-साथ  करंट एकाउंट धारक अपने बैंकर्स को instructions भेज सकते हैं उनके behave task को complete  करने के लिए ओर करंट एकाउंट धारक को बैंक्स Online banking, Doorstep Banking और Telephonic Banking जैसी facility provide कराते हैं।
2. अगर आप एक करंट एकाउंट धारक है तो ना ही यह सिर्फ आपको अपने बिजनेस की क्लियर पिक्चर देता है साथ में यह आपको अपने बैंकर या किसी ओर फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन से लोन raise लेने मे मदद करता है।
3. जैसे कि हम सब जानते हैं सारे बैंक लगभग ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस  provide कराते है तो आप अपने करंट एकाउंट को मल्टीपल सिटी से ऑपरेट कर सकते हो आजकल बैंक Core Banking Solution पे ऑपरेट करते है यह आपकी करंट एकाउंट की ट्रांजेक्शन को consolidate करने में हेल्प करता है आप इंडिया में किसी भी बिजनेस टूर पर चले जाए आपकी बैंकिंग सर्विस कहीं भी बंद नहीं होगी आप कहीं पर भी अपने बैंक की किसी भी ब्रांच को विजिट कर सकते हैं और अपनी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
4. अगर आप अपना करंट एकाउंट एक अच्छे ट्रैक के साथ रिकॉर्ड मेंटेन करते हो तो बैंक आपको गारंटी सर्विस भी देता है बहुत सारे वेंडर गारंटी सर्विस की डिमांड करते हैं तो यह facility बहुत हेल्पफुल है अगर आप foreign Trade में एंटर करने की सोच रहे है।
तो इस Post का निष्कर्ष यह है कि करंट एकाउंट और सेविंग एकाउंट के अपने-अपने advantages और  disadvantages है! इस Post का purpose इनके बारे में knowledge देना था आप अपने purpose और convince के हिसाब से इनमें से choose कर सकते हो।
दोस्तो आप मुझे comment मे ऐसी ही कुछ knowledgeable टॉपिक Suggest कीजिए। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो इस पोस्ट को सबके साथ शेयर करे।

Monday, January 25, 2021

ब्लॉग, ब्लॉगिंग और ब्लॉगर क्या होता है? और ब्लॉग से पैसे कैसे कमाये जाते हैं?

 क्या आप जानना चाहते हैं कि ब्लॉग ब्लॉगिंग और ब्लॉगर क्या होता है और ब्लॉग से पैसे कैसे कमाए जाते हैं?

अगर आप यह सब जानना चाहते हो। तो फिर इस पोस्ट को अंत तक पढ़िए। तो जैसे कि आज के समय में लगभग सभी के पास स्मार्टफोन  और कंप्यूटर होता ही है। और ज्यादातर लोग इंटरनेट से जुड़े रहते हैं। और लोग तरह-तरह के टॉपिक भी सर्च करते हैं जिनका जैसा टॉपिक होता है वैसा ही वह इंटरनेट पर सर्च करते हैं | तो यदि आप भी इंटरनेट से जुड़े हो तो आपने भी कभी ना कभी blog के बारे में सुना होगा। और किसी ना किसी टॉपिक के बारे में जानकारी लेने के लिए इंटरनेट में आपने सर्च भी किया होगा। और आप ने देखा होगा। कि आपके सामने उस टॉपिक के बारे में कई सारी Website की लिंक निकल कर आ जाती है। 
जब आप किसी भी एक Website की लिंक पर क्लिक करते हो। तो उस टॉपिक के बारे में सारी जानकारी आपके सामने आ जाती है। 
तो क्या कभी आपने सोचा है। की जो यह जानकारी या फिर कोई आर्टिकल या किसी भी टॉपिक के बारे में लिखी है।
तो यह इंटरनेट पर कैसे आती है? और इन जानकारी को कौन लिखता है?
और क्या लिखने वाले के पास इतना फ़्री समय है। कि वह इंटरनेट पर लिखते रहे ! और यदि उसका समय फ़्री नहीं है। तो यह जानकारी को लिखकर वह कैसे एक औसत कमाई करता है?
तो दोस्तो सबसे पहले हम जान लेते हैं। कि ब्लॉग, ब्लॉगिंग और ब्लॉगर क्या है ?
ब्लॉग एक वेबसाइट होती है। जिस पर आप एक नियमित तौर पर अपनी राय, जानकारी, आइडिया या फिर अनुभव रिकॉर्ड कर सकते हैं ! लेकिन पुराने समय में कुछ लोग अपनी डायरी या नोट्स लिखते थे। या फिर वेब लॉग लिखते थे। पर आजकल इंटरनेट पर आप एक बलॉग या पत्रिका लिखते हो। तो उसे ब्लॉग कहते हैं! वेब लॉग की शॉर्ट फॉर्म ब्लॉग है वैसे तो कई प्रकार की ब्लॉगिंग वेबसाइट है। जैसे कि blogger, Weebly, WordPress और tumblr इत्यादि जैसी कई वेबसाइट है। और इनमें से सबसे ज्यादा पॉपुलर ब्लोस्पोट.कॉम है जैसी बहुत से लोग use करते है और यह एक Google का product भी है जिसे गूगल द्वारा इसे 2003 मे खरीदा गया है और इसे आप फ्री में भी use कर सकते हो जैसे की हम सब जानते हैं ब्लॉक बनाने के लिए हमारे पास एक email id ओर एके कंप्यूटर होना चाहिए और अगर आपके पास कंप्यूटर नहीं है तो आप एक स्मार्टफोन से भी ब्लॉग बना सकते हो और इसमे पोस्ट कर सकते हो।
तो ब्लॉग को रखने की गतिविधि को हम ब्लॉगिंग कहते हैं ! जैसे कि यह मेरी ख़ुद की एक वेबसाइट www.technicalwebzon.com नाम से तो मैं इसमे ब्लॉग लिखता हूं तो जो भी मैं इसमें activity करता हु |तो जैसे कि इसमें ब्लॉग लिखने से लेकर ब्लॉग पब्लिश करने तक जितनी भी activity करते है उसे ही हम ब्लॉगिंग कहते है | और ब्लॉगर वह इंसान होता है! या फिर वह समूह होता है जो अपने profession से जोड़ा है! और अपने आईडिया एक्सपीरियंस या नॉलेज ब्लॉग के थ्रू लिखकर लोग के सामने शेयर या पब्लिश करता है उसे हम ब्लॉगर कहते है !
तो दोस्तो ब्लॉग का क्या फायदा है ?
तो लोग अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए या अपना ज्ञान बांटने के लिए या अपना अनुभव दूसरों के साथ साझा करने के लिए ब्लॉग लिखते हैं। तो दूसरे के सामने आप अपने आप को एक्सप्रेस कर सकते होऔर इसे पढ़ने वाला एक इनफॉर्मल या अनौपचारिक तरीके से किसी भी विषय के बारे में जान सकता है !
For example के लिए हम मान लेते हैं आप एक इंजीनियर, डॉक्टर, फैशन डिजाइनर, हेल्थ ट्रेनर या फिर लेखक या इत्यादि हो तो आप अपनी फील्ड के बारे में काफी अच्छी जानकारी रखते हो तो जिसमें कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो आप दूसरों को अच्छी तरह से समझा सके तो आप इन इंफॉर्मेशन को दूसरों तक पहुंचाने के लिए आप ब्लॉग के या वेबसाइट के माध्यम से दूसरों तक अपनी इंफॉर्मेशन शेयर कर सकते हो | और साथ ही साथ अपनी इंफॉर्मेशन शेयर करते समय आप गूगल ऐडसेंस के ads या फिर किसी अन्य advertisements नेटवर्क प्लेटफार्म से भी पैसे कमा सकते हो | तो दोस्तो अपने देखा होगी कि कई सेलिब्रिटी या राजनेता और कई आई टी सेक्टर के लोगों के ब्लॉग बहुत ही लोकप्रिय है और कुछ लोग तो गुमनाम ब्लॉग भी लिखते हैं ओर अपनी परेशानियां या समस्या ब्लॉग के माध्यम से दुनिया को बताते हैं कई नामी ब्लॉगर तो इतने प्रसिद्ध इतने पॉपुलर हो गए हैं की उनके ब्लॉग पर बहुत सारे लोग आते हैं या फिर बहुत ट्रैफिक आता है और वह इस ट्रैफिक को advertisement या विज्ञापन दिखाकर ही पैसे भी कमाते हैं! और यह सब depend करता है कि आपके वेबसाइट पर कितना traffic आ रहा है मतलब की कितने लोग आपके वेबसाइट पर विजिट कर रहे है और यह सब depend करता है आपका पोस्ट या आर्टिक्ल लोगो को कितना पसंद आ रहा है और सबसे most इम्पोर्टेड है कि आपकी Search इंजन ऑप्टिमाइजेशन कैसा है?
तो दोस्तो बेसिकली इस चीज को ही हम ब्लॉगिंग कहते हैं ! और इसके लिए earning करने का सबसे पहले तरीका होता है ! advertisements यानी कि ads होता है |
तो दोस्तों अगर आपको भी लिखने का शौक है तो या फिर आप भी ब्लॉगिंग करने की सोच रहे हो तो आप हमारे यूट्यूब चैनल "Technical Webzon" चैनल पर विजिट कर सकते  हो जिसमें हम ब्लॉग से रिलेटेड सीरीज बना रहे हैं और साथ ही साथ इस चैनल मे हम टिप्स और ट्रिक्स के बारे में भी जानेगे ! अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो इस पोस्ट को सबके साथ शेयर करे।
धन्यवाद !!!



Thursday, June 18, 2020

जानिए Television Channel पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मॉडल के बारे में!

tv+channel+image
आज हम जान लेते है की  Television Channel पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मोडल के बारे में! तो टी० वी० चैनल और सीरियल पैसे कैसे कमाते है । तो सबसे पहले हम जान लेते है की टी० वी० चैनल की revaluation की बारे में तो सबसे पहले आया था ब्रॉड कास्टिंग नेटवर्क जिसमे basically एक एंटीना को set up करके टी० वी० चैनल देख पाते थे  जैसे की DD-1 ओर DD News extra, फिर आया था cable टी० वी० जिसमें cable के throw नेटवर्क को घर घर पहुचाए जाता था जिसके throw हमें अलग - अलग तरह के चैनल देखने को मिलते थे लेकिन cable से limited चैनल देखने को मिलती थी | और cable को घर - घर पहुँचाने में भी बहुत से दिक्कत होती थी! फिर आया set lite जिसमे हमे टी० वी० को देखने के लिये सेट बॉक्स और एक रिसीवर डिस्क की जरूरत होती है जो सिग्नल receive करता है जो ऊपर आसमान में set lite से ओर उस सेटलाइट तक सिग्नल पहुचाए जाते है ! जो जमीन पर ब्रॉड कास्टिंग station वहाँ से और इसके बाद भी revolution आ रहा है लेकिन पहले हम जान लेते है की टी० वी० serial ओर टी० वी० चैनल पैसे कैसे कमाते है ? जब कोई टी० वी० serial या टी० वी० show बनता है तो जो भी उसके expensive होते है जैसे studio, shooting expensive और actors की payment etc. वो सब प्रोडक्शन हाउस pay करता है तो टी० वी० serial के प्रोड्यूसर को चैनल पर अपने सीरियल को दिखाने के लिए पैसे pay करने पड़ते है तो सीरियल को टी० वी० चैनल पर दिखाने के लिए लेकिन कितने पैसे यह कैसे decide होता है ।
तो टी० वी० चैनल ओर टी० वी० सीरियल का सबसे बड़ा जो revenue resource होता है वो होता है ! advertisements आप सब को भी पता होगा की अगर कोई serial या program टी० वी० पर आधे घंटे के लिए भी चलता है तो उसमे over all करीब 10 से 12 minutes का तो break होता है जिसमे हमें अलग - अलग तरह की products की advertisements देखने को मिलती है तो इसके लिये यह companies जो है वो अपने products की advertisements दिखाने के लिये इन टी० वी० चैनलो पर अपने add चलाते है लेकिन इसमे adds का time और adds को टी० वी० चैनल पर चलाने के लिए इसकी timing बहुत ज्याद matter करती है पहले हम add के टाइम की बात करते है तो कम्पनी कोई भी advertisements बनाती है तो उसे कई parts में बनाती है
for example जैसे की
45 सेकण्ड्स
30 सेकण्ड्स
15 सेकण्ड्स
10 सेकण्ड्स
क्योंकि यह अलग अलग प्लेटफॉर्म चैनल्स और शो के according use की जाती है और इसके एक - एक सेकण्ड्स के बहुत high rate होते है ! आप ने भी देखा होगा की कई बार टी० वी० पर कोई add 30 सेकण्ड्स की आती है फिर कुछ दिनों बाद उस ऐड को छोटा करके 10 सेकण्ड्स के कर दिया जाता है ! क्योंकि यह कंपनीज़ की statistics होती है की पहले ऐड को consumer को starting में full add दिखाए जाए फिर कुछ दिनों बाद ऐड को छोटा करके दिखाए जाए ताकि viewers को उनके प्रोडक्ट्स याद रहे और उनकी cost भी ज्याद ना लगे और यह adds के पैसे भी ultimate consumer ही pay करता है क्योंकि इसे प्रोडक्ट्स के cost में जोड़ा दिया जाता है ! आपने जैसे की सुना होगा कि कोका कोला की बोतल 60 पैसे में बनकर तैयार हो जाती है ! ओर इन advertisements और promotion की वजह से consumer तक पहुंचते-पहुंचते यह ₹12 की हो जाती है। तो adds का जो Rate होता है ! वह depend करता है कि वह चैनल या वह टीवी सीरियल कितना पॉपुलर है और कितना देखा जा रहा है तो main question यह आता है कि यह कैसे पता चलता है कि कौन सा चैनल या फिर कौन सा टीवी शो ज्यादा देखा जा रहा है तो इसके लिए एक tool का use किया जाता है ! जिसे कहते हैं TRP यानी कि  Television Rating Point इसमें क्या होता है अलग अलग areas से Sample के लिए हजारों की तादात में कुछ घरों को choose किया जाता है और उनकी टीवी set के साथ एक डिवाइस attached कर दिया जाता है जिसे हम कहते हैं people meter अब यह डिवाइस क्या काम करता है उन particular house की किस टाइम में कौन सा प्रोग्राम देखा जा रहा है ! उसको day to day basis में record करता रहता है और TRP निकालने के लिए 30 दिनों का average लिया जाता है और इससे यह हम पता लगाते हैं! कौन से चैनल का कौन सा प्रोग्राम कितने ज्यादा लोगों ने देखा उसके हिसाब से हम को एक Measurement आ जाता है उसी तरह जिस तरह किसी वेबसाइट पर कितने लोग ऑनलाइन है हम पता कर सकते हैं ओर इंडिया में यह काम करती है INTAM यानी कि (Indian National Television Audience Measurement) या फिर BRAC (Broadcast Audience Research Council)
https://www.barcindia.co.in
https://www.themediaant.com
तो इसी के पास authority है जो पूरे डाटा हर हफ्ते TRP calculate की जाती है जिस के base पर ऐड agencies decision ले पाती है तो चलिए इस प्रोसेसर को एक example के throw समझते है | suppose एक टी वी सीरियल है जो रात के 08:00pm बाजे शूरु होता है ओर रात के  08:30 pm बाजे खत्म होता है तो यह 30 मिनट के सीरियल में मान लेते है और उसमें total 10 मिनट के advertisements होती है और इस सीरियल के TRP के हिसाब से इसके advertisements के 1 minute के है 1 लाख रूपए तो 10 minutes के हिसाब से हो जएगा 10 लाख रूपए अब इस 10 लाख  रुपए में से agreement के according चैनल के पास चल जाएगा 5 लाख रुपए और प्रोड्यूसर के पास चल जाएगा 5 लाख रुपए अब इसमें से मान लेते हैं ! प्रोड्यूसर ने सारे actors को दे दिए 2 लाख रूपए और बाकी expensive जैसे लाइटिंग स्टूडियो क्रू मेंबर्स उनको दे दिए 1 लाख रुपये तो प्रोड्यूसर का profit हो जाएगा एक एपिसोड का 1-2  लाख रुपए यानी की 1-2 लाख रुपए  इसी तरह  चैनल और प्रोड्यूसर के बीच advertisements revenue का distribute होता है चैनल के कई और भी छोटे लेवल के revenue sources होते हैं जैसे इंटरनेट यह same videos को इंटरनेट और यूट्यूब पर डाल देते हैं उससे भी इनको अच्छा खासा profit हो जाता है और sponsorship's कई बार मूवीस को या प्रोडक्ट को show के अंदर promote करते हैं इससे भी और अगर चैनल की TRP High है तो इससे भी decent money कमा लेते है ! जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है इसका टेलीविजन पर बहुत बड़ा इंपैक्ट हो रहा है जैसे कि पहले क्या होता था घर में एक टीवी पे सारे फैमिली मेंबर्स मिलकर एक साथ मिलके अपना favorite टी वी show  देखा करते थे पर आजकल वही फैमिली मेंबर्स अलग अलग माध्यम से कोई अपने फोन पे, कोई अपने लेपटॉप पे और कोई अपने टेबलेट पे वो ही टी वी show को इंटरनेट के throw देखते है तो आपको क्या लगता है टेलीविजन का future क्या होने वाला हमे comment box मे comment करके बताए ! तो अब आप जान चुके होंगे की T.V Channel के बिज़नेस मॉडल के बारे मे और किस तरह T.V Channel पैसा कमाती है । तो दोस्तों अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी है तो मेरे पोस्ट को शेयर, कमेंट और लाइक करना ना भूले |
धनयवाद !!!!

Friday, May 11, 2018

जानिए IPL Team पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मॉडल के बारे में!

दोस्तों लोगों में आईपीएल मैच का इतना क्रेज़ है की जब आईपीएल मैच चलता है तो बड़ी सी बड़ी मूवी की डेट पोस्टपोंड कर दी जाती है तो जब entertainment की बात की जाती है तो आईपीएल मैच सबसे ऊपर आता है ! आईपीएल मैच हमे पता है हर साल अप्रैल से मई के बीच खेल जाता है जिसमे हर एक टीम इंडिया की स्टेट या सिटी को represent करती है टीम के फ्रेंचीस यानि ओनर हर साल करोड़ रूपये पैसा खर्च करते है प्लेयर को खरीदने के लिये और उनकी ट्रैनिंग के लिए और जो यह प्लेयर्स होते है उनका बेस प्राइस 20 लाख से करोड़ तक की बोली लगाई जाती है जो अच्छा परफॉरमेंस कर सके और उनके टीम के लिए आईपीएल ट्रॉफी जीत सके लेकिन कभी अपने सोच है कि आईपीएल में जीतने वाली टीम को सिर्फ 15 करोड़ रूपये मिलते है तो वह इतनी सारी cost कहाँ से रिकवर कर पाते है।लेकिन थोड़ा सा आईपीएल के बारे में जान लेते है जो आईपीएल की शुरुवात हुई थी 2008 मे और इसे शुरुवात करने वाले थे ललित मोदी जिनका ब्रिलियंट आईडिया था क्रिकेटर को एंटरटेनमेंट को जिसको बॉलीवुड और बिज़नेस मेन को तीनों को एक साथ जोड़ के आईपीएल को एंटरटेनमेंट के लिये बनाया है 
IPL+Image+and+ipl+team+image

तो चलिए दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आईपीएल से जुडी इसी इंटरेस्टिंग टॉपिक के बारे बात करने वाले कौनसे resources है जिनसे आईपीएल में फ्रेंचीस पैसे कमाते है तो in sort आईपीएल का बिज़नेस मॉडल क्या है? तो आईपीएल इन तीन sources से पैसा कमाती है !
1) मार्केटिंग बेनीफिट्स से
2) सेंट्रल रेवेन्यू से
3) लोकल रेवेन्यू से
तो सबसे पहले हम जान लेते है मार्केटिंग बेनीफिट्स के बारे में तो दोस्तों जैसे की हम देखते आईपीएल के टाइम पे टेलेविज़न और ऑनलाइन प्लेटफार्म पे बहुत सारी advertisement आती है जिसमे हमे कई famous आईपीएल क्रिकेटर को दिखया जाता है तो फ्रैंचाइज़ी दूसरी कम्पनी को ऐड या promotion के लिए बेच सकती है और  जो पैसा ऐड या प्रमोशन से players को मिलता है वो उन प्लेयर्स को नही बल्कि उन फ्रैंचाइज़ी को  मिलता है जो प्लयेर जिस फ्रैंचाइज़ी टीम के लिये खेल रहा होता है ।
फिर उसके बाद आता है अगला source सेंट्रल रेवेन्यू तो आईपीएल जो सबसे ज्यादा पैसा कमाता है वो है सेंट्रल रेवेन्यू तो सेंट्रल रेवेन्यू से आईपीएल दो तरीके से पैसे कमाता है !
तो पहला है broadcasting राइट्स से और दूसरा है Brand sponsorship राइट्स से ।
तो broadcasting राइट्स में टीवी चेन्नल्स और ऑनलाइन चेन्नल्स को आईपीएल की live stream करने के लिए उसके राइट्स खरीदने होते है और उसके बदले में वो BCCI को वो काफी बड़ी amount paid करते है जब आईपीएल शूरु हुआ था तब Sony Television Network ने इसके राइट्स 10 साल के कॉन्ट्रेक्ट के लिए खरीद ली थी करीब 4000 करोड़ रुपए में क्योंकि अब हम जानते है आईपीएल को पूरे 10 साल हो चुके है जो की इसका 1-session. 2008 में शूरु हुआ था और इसके साथ Sony Television Network का BCCI board के साथ 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म हो चूका है और इस साल 2018 में BCCI Board ने IPL 11 session के broadcasting के लिए फिर से नई बोली लगाई गई थी जिससे की इस बार  Star India Channel ने इसे 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट से इसके राइट्स ले लिए है जो की करीब 16350 करोड़ रूपये से अपने नाम यह कॉन्ट्रैक्ट कर लिया है! और यह सारा पैसा फ्रैंचाइज़ी के बीच equally बाँट दिया जाता है।
तो अब आप सोच रहे होंगे की टीवी पर मैच दिखाने के लिए इतने सारे amount paid करने की जरुरत क्यों? जैसे की आप जानते हो आईपीएल बहुत ज्यादा पॉपुलर है और बहुत सारे लोग इसे टीवी और इंटरनेट पर देखते है और इसलिये जो कंपनी वो अपनी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करने के लिये advertisement करती है और जो 10 से 30 सेकण्ड्स की ऐडस आती है उसमे कम्पनीज को अपने ऐड के लिए स्लॉट खरीदने पड़ते है जो की कम्पनीज टीवी चैनल्स को करीब 10 से 30 लाख रुपये अमाउंट paid करने के लिए ready हो जाती है जिससे टीवी चैनल भी profit कमाते है।
और दुसरा है sponsorship ओर यह sponsorship कई टाइप की हो सकती है और एक होता है Title sponsorship. 
तो दोस्तों अपने नोटिस किया होगा की जब शूरु में आईपीएल स्टार्ट हुआ था तो उसका नाम था DLF IPL फिर 2013 से आया था Pepsi IPL और उसके बाद 2016 से आया Vivo IPL तो जो यह Title sponsorship है और जो इसकी बोली लगाई जाती है ओर जो यह बड़ी बड़ी कम्पनीज इसमें पार्ट लेती है Vivo ने 2018 से 2022 तक के Title sponsorship के राइट्स retaining कर ली है जो की 2199 crore के winning bid के साथ जीती है और यह सारा पैसा BCCI board और फ्रैंचाइज़ी के बीच बाँट दिया जाता है और भी कई तरीके के sponsor होते है जैसे आईपीएल मैच के दौरान कोई भी चीज़ जो स्टेडियम में बाउंडरी रोप के अन्दर है आप को इसमें sponsor देखने को मिलते होंगे जैसे की bat, T-shirt, helmet stump, ground, boundary rope भी और अन्य स्पॉन्सरशिप से होते हैं जिससे फ्रैंचाइज़ी अच्छा खास पैसा कमाती है क्योंकि आईपीएल इतना ज्यादा पॉपुलर है कि इसे बड़ी से बड़ी कम्पनी sponsor करने के लिये ready हो जाती है ! 
और अब तीसर source है लोकल रेवेन्यू ओर जितने भी छोटे लेवल के रेवेन्यू होते है वो इस तीसरे category के   Local Revenue में आते है जैसे की Ticket Selling, Local Sponsor और prize money तो सबसे पहले टिकट selling की बात करते है । तो टिकट selling में जो टीम खेल रही होती है और जो आईपीएल ऑर्गेनिसर है उनके बीच यह amount 80:20 ratio के बीच distribute कर दिया जाती है। और लोकल स्पॉन्सरशिप depend करती है टीम के popularity पर जितना ज्यादा टीम लोकल पॉपुलर होती है उतना ही ज्यादा sponsorship मिलने के chances होते है और जो लास्ट प्राइज मनी होती है इसमें winning टीम को मिलते 15 करोड़ और runner up को मिलते है 10 करोड़ और इस amount का 50:50 percent ratio मे डिस्ट्रीब्यूट होता है जो की टीम के प्लेयर्स को 50 percent  डिस्ट्रीब्यूट होता है और फ्रैंचाइज़ी को 50 percent और अब Question यह उठता है कि जो टीम जीतती है उसका प्राइज मनी के अलावा और क्या additional benefits मिलते है आपको पता है कि टॉप 4 आईपीएल टीम प्ले ऑफ में जो पहुँचती है वह चैंपियन लीग के लिए भी Qualify हो जाती है तो जो वो मैच वहाँ खेलते है तब भी उन्हें जो ब्रॉडकास्टिंग राइट्स अमाउंट है उन पर उन्हें हिस्सा मिलता है इसलिए सारी फ्रैंचाइज़ी कोशिस करती है कि उनकी टीम जीते और ज्यादा से ज्यादा matches खेल सके ।
तो अब आप जान चुके होंगे। की आईपीएल का बिज़नेस मॉडल क्या है? और फ्रैंचाइज़ी और BCCI बोर्ड किस तरह से पैसे कमाती है।
तो दोस्तों अगर मेरी पोस्ट से आपको हेल्प मिल रही है तो मेरे पोस्ट को शेयर, कमेंट और फॉलो करना ना भूले