Friday, May 11, 2018

जानिए IPL Team पैसा कैसे कमाती है? और उसके बिज़नेस मॉडल के बारे में!

दोस्तों लोगों में आईपीएल मैच का इतना क्रेज़ है की जब आईपीएल मैच चलता है तो बड़ी सी बड़ी मूवी की डेट पोस्टपोंड कर दी जाती है तो जब entertainment की बात की जाती है तो आईपीएल मैच सबसे ऊपर आता है ! आईपीएल मैच हमे पता है हर साल अप्रैल से मई के बीच खेल जाता है जिसमे हर एक टीम इंडिया की स्टेट या सिटी को represent करती है टीम के फ्रेंचीस यानि ओनर हर साल करोड़ रूपये पैसा खर्च करते है प्लेयर को खरीदने के लिये और उनकी ट्रैनिंग के लिए और जो यह प्लेयर्स होते है उनका बेस प्राइस 20 लाख से करोड़ तक की बोली लगाई जाती है जो अच्छा परफॉरमेंस कर सके और उनके टीम के लिए आईपीएल ट्रॉफी जीत सके लेकिन कभी अपने सोच है कि आईपीएल में जीतने वाली टीम को सिर्फ 15 करोड़ रूपये मिलते है तो वह इतनी सारी cost कहाँ से रिकवर कर पाते है।लेकिन थोड़ा सा आईपीएल के बारे में जान लेते है जो आईपीएल की शुरुवात हुई थी 2008 मे और इसे शुरुवात करने वाले थे ललित मोदी जिनका ब्रिलियंट आईडिया था क्रिकेटर को एंटरटेनमेंट को जिसको बॉलीवुड और बिज़नेस मेन को तीनों को एक साथ जोड़ के आईपीएल को एंटरटेनमेंट के लिये बनाया है 
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तो चलिए दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आईपीएल से जुडी इसी इंटरेस्टिंग टॉपिक के बारे बात करने वाले कौनसे resources है जिनसे आईपीएल में फ्रेंचीस पैसे कमाते है तो in sort आईपीएल का बिज़नेस मॉडल क्या है? तो आईपीएल इन तीन sources से पैसा कमाती है !
1) मार्केटिंग बेनीफिट्स से
2) सेंट्रल रेवेन्यू से
3) लोकल रेवेन्यू से
तो सबसे पहले हम जान लेते है मार्केटिंग बेनीफिट्स के बारे में तो दोस्तों जैसे की हम देखते आईपीएल के टाइम पे टेलेविज़न और ऑनलाइन प्लेटफार्म पे बहुत सारी advertisement आती है जिसमे हमे कई famous आईपीएल क्रिकेटर को दिखया जाता है तो फ्रैंचाइज़ी दूसरी कम्पनी को ऐड या promotion के लिए बेच सकती है और  जो पैसा ऐड या प्रमोशन से players को मिलता है वो उन प्लेयर्स को नही बल्कि उन फ्रैंचाइज़ी को  मिलता है जो प्लयेर जिस फ्रैंचाइज़ी टीम के लिये खेल रहा होता है ।
फिर उसके बाद आता है अगला source सेंट्रल रेवेन्यू तो आईपीएल जो सबसे ज्यादा पैसा कमाता है वो है सेंट्रल रेवेन्यू तो सेंट्रल रेवेन्यू से आईपीएल दो तरीके से पैसे कमाता है !
तो पहला है broadcasting राइट्स से और दूसरा है Brand sponsorship राइट्स से ।
तो broadcasting राइट्स में टीवी चेन्नल्स और ऑनलाइन चेन्नल्स को आईपीएल की live stream करने के लिए उसके राइट्स खरीदने होते है और उसके बदले में वो BCCI को वो काफी बड़ी amount paid करते है जब आईपीएल शूरु हुआ था तब Sony Television Network ने इसके राइट्स 10 साल के कॉन्ट्रेक्ट के लिए खरीद ली थी करीब 4000 करोड़ रुपए में क्योंकि अब हम जानते है आईपीएल को पूरे 10 साल हो चुके है जो की इसका 1-session. 2008 में शूरु हुआ था और इसके साथ Sony Television Network का BCCI board के साथ 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म हो चूका है और इस साल 2018 में BCCI Board ने IPL 11 session के broadcasting के लिए फिर से नई बोली लगाई गई थी जिससे की इस बार  Star India Channel ने इसे 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट से इसके राइट्स ले लिए है जो की करीब 16350 करोड़ रूपये से अपने नाम यह कॉन्ट्रैक्ट कर लिया है! और यह सारा पैसा फ्रैंचाइज़ी के बीच equally बाँट दिया जाता है।
तो अब आप सोच रहे होंगे की टीवी पर मैच दिखाने के लिए इतने सारे amount paid करने की जरुरत क्यों? जैसे की आप जानते हो आईपीएल बहुत ज्यादा पॉपुलर है और बहुत सारे लोग इसे टीवी और इंटरनेट पर देखते है और इसलिये जो कंपनी वो अपनी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करने के लिये advertisement करती है और जो 10 से 30 सेकण्ड्स की ऐडस आती है उसमे कम्पनीज को अपने ऐड के लिए स्लॉट खरीदने पड़ते है जो की कम्पनीज टीवी चैनल्स को करीब 10 से 30 लाख रुपये अमाउंट paid करने के लिए ready हो जाती है जिससे टीवी चैनल भी profit कमाते है।
और दुसरा है sponsorship ओर यह sponsorship कई टाइप की हो सकती है और एक होता है Title sponsorship. 
तो दोस्तों अपने नोटिस किया होगा की जब शूरु में आईपीएल स्टार्ट हुआ था तो उसका नाम था DLF IPL फिर 2013 से आया था Pepsi IPL और उसके बाद 2016 से आया Vivo IPL तो जो यह Title sponsorship है और जो इसकी बोली लगाई जाती है ओर जो यह बड़ी बड़ी कम्पनीज इसमें पार्ट लेती है Vivo ने 2018 से 2022 तक के Title sponsorship के राइट्स retaining कर ली है जो की 2199 crore के winning bid के साथ जीती है और यह सारा पैसा BCCI board और फ्रैंचाइज़ी के बीच बाँट दिया जाता है और भी कई तरीके के sponsor होते है जैसे आईपीएल मैच के दौरान कोई भी चीज़ जो स्टेडियम में बाउंडरी रोप के अन्दर है आप को इसमें sponsor देखने को मिलते होंगे जैसे की bat, T-shirt, helmet stump, ground, boundary rope भी और अन्य स्पॉन्सरशिप से होते हैं जिससे फ्रैंचाइज़ी अच्छा खास पैसा कमाती है क्योंकि आईपीएल इतना ज्यादा पॉपुलर है कि इसे बड़ी से बड़ी कम्पनी sponsor करने के लिये ready हो जाती है ! 
और अब तीसर source है लोकल रेवेन्यू ओर जितने भी छोटे लेवल के रेवेन्यू होते है वो इस तीसरे category के   Local Revenue में आते है जैसे की Ticket Selling, Local Sponsor और prize money तो सबसे पहले टिकट selling की बात करते है । तो टिकट selling में जो टीम खेल रही होती है और जो आईपीएल ऑर्गेनिसर है उनके बीच यह amount 80:20 ratio के बीच distribute कर दिया जाती है। और लोकल स्पॉन्सरशिप depend करती है टीम के popularity पर जितना ज्यादा टीम लोकल पॉपुलर होती है उतना ही ज्यादा sponsorship मिलने के chances होते है और जो लास्ट प्राइज मनी होती है इसमें winning टीम को मिलते 15 करोड़ और runner up को मिलते है 10 करोड़ और इस amount का 50:50 percent ratio मे डिस्ट्रीब्यूट होता है जो की टीम के प्लेयर्स को 50 percent  डिस्ट्रीब्यूट होता है और फ्रैंचाइज़ी को 50 percent और अब Question यह उठता है कि जो टीम जीतती है उसका प्राइज मनी के अलावा और क्या additional benefits मिलते है आपको पता है कि टॉप 4 आईपीएल टीम प्ले ऑफ में जो पहुँचती है वह चैंपियन लीग के लिए भी Qualify हो जाती है तो जो वो मैच वहाँ खेलते है तब भी उन्हें जो ब्रॉडकास्टिंग राइट्स अमाउंट है उन पर उन्हें हिस्सा मिलता है इसलिए सारी फ्रैंचाइज़ी कोशिस करती है कि उनकी टीम जीते और ज्यादा से ज्यादा matches खेल सके ।
तो अब आप जान चुके होंगे। की आईपीएल का बिज़नेस मॉडल क्या है? और फ्रैंचाइज़ी और BCCI बोर्ड किस तरह से पैसे कमाती है।
तो दोस्तों अगर मेरी पोस्ट से आपको हेल्प मिल रही है तो मेरे पोस्ट को शेयर, कमेंट और फॉलो करना ना भूले 







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